News88 Network, Chamba : हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के उपमंडल पांगी में शनिवार को ताजा बर्फबारी हुई है। ऐसे में अब सच्चे जोत(साचपास) मार्ग से चंबा मुख्यालय के लिए होने वाली वाहनों की आवाजाही भी पूरी तरह से बंद हो गई है(Vehicular movement is completely stopped through Sach Pass)। सच्चे जोत(sach pass) में करीब पांच इंच से अधिक हिमपात हुआ है। अब अगले साल ही इस मार्ग से वाहनों की आवाजाही सुचारू हो पाएगी। पांगी की पहाड़ियों में शनिवार को मौसम बिगड़ने से तापमान में गिरावट आ गई है, जिससे समस्त घाटी में ठंड बढ़ गई है। हालांकि, पांगी घाटी के मध्यम ऊंचाई सहित निचले क्षेत्रों में बर्फबारी नहीं हुई है। यहां पर बर्फबारी का लोग इंतजार कर रहे हैं।
अब लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है सच्चे जोत पूरी तरह बंद हो गया है या नहीं। ऐसे में बता दें कि सच्चे जोत यानी साच पास से अब वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। मार्ग पर बर्फ जम गई है।
15 अक्टूबर को बंद हुआ था सच्चे जोत(sach pass), रिस्क पर जा रहे थे वाहन
किलाड़-चंबा वाया सच्चे जोत मार्ग पर वाहनो की आवाजाही यूं तो 15 अक्टूबर के बाद ही बंद हो गई थी। लेकिन, मौसम के साफ बने रहने के चलते छोटे वाहन चालक यहां से होते हुए पांगी व चंबा के बीच की दूरी तय कर रहे थे। वाहन चालक इस मार्ग को इसलिए भी प्राथमिकता दे रहे थे।क्योंकि, चंबा मुख्यालय को पांगी मुख्यालय किलाड़ से जोड़ने वाला यह सबसे नजदीकी मार्ग है। चंबा से सच्चे जोत होते हुए पांगी की दूरी करीब 175 किलोमीटर है। इतनी कम दूरी होने के कारण लोग करीब 10 से 12 घंटे के बीच ही यह सफर तय करते हैं।
पांगी से चंबा पहुंचने के लिए करा पड़ेगा 700 किलोमीटर का सफर
सच्चे जोत में बर्फबारी होने के कारण अब लोगों वाहनों के माध्यम से महज 175 किलोमीटर का सफर तय कर चंबा नहीं पहुंच सकेंगे। अब इन्हें चंबा पहुंचने के लिए करीब 650 से 700 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। सफर लंबा होने के साथ ही लोगों को बहुत अधिक किराया भी खर्च करना पड़ेगा। ऐसे में संपन्न परिवार तो आसानी से सफर कर सकेंगे। लेकिन, गरीब परिवार से संबंध रखने वाले लोगों का पांगी से चंबा व चंबा से पांगी पहुंचना आसान नहीं रहेगा।
क्या कहते हैं आरसी पांगी
आवासीय आयुक्त पांगी रमन घरसंगी का कहना है कि पांगी घाटी के पहाड़ों पर हिमपात होने के कारण सच्चे जोत से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। इसलिए वाहन चालक अब चंबा पहुंचने के लिए इस मार्ग का इस्तेमाल न करें। आगामी दिनों में मौसम साफ रहने पर ही यहां से आवाजाही का रिस्क न लें। क्योंकि, ऐसा करना न केवल वाहन चालकों के लिए, बल्कि सवारियों के लिए भी घातक हो सकता है।